इंडियन तारा मटका : हे हमारे स्वरगिक पिता हे हमारे स्वरगिक पिता, तेरा नाम पवित्र माना जाए, तेरा राज्य अाए, तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग मे॑ पूरी होती है॑, वैसे पर्िथ्वी पर भी हो, आज हमे॑ उतना भोजन दे, जो हमारे लिए आवश्क है, हमारे अपराध शमा कर, जैसे हम दूसरो.